उत्तर प्रदेश : दिवाली और छठ में रेलवे यात्रियों को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चला रहा है. लेकिन इस कोरोना काल में रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब एक किडनैप हुई बच्ची को सकुशल बचाने के लिए रेलवे ने एक ट्रेन को किसी भी स्टेशन पर बिना रोके 240 किलोमीटर तक दौड़ा दिया. रेलवे की कोशिश कामयाब हुई और अंत में बच्ची को सकुशल बरामद करने का काम रेलवे ने किया.
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल तक रेलवे ने करीब 240 किलोमीटर तक एक ट्रेन को बिना किसी स्टेशन पर रोके दौडा दिया. दरअसल, ललितपुर में एक महिला ने आरपीएफ को जानकारी दी थी कि एक पुरुष उसकी बेटी को जबरदस्ती अपने साथ ले गया है. महिला ने कहा कि उस आदमी को उसने ट्रेन में चढ़ते देखा है. इसके बाद ललितपुर स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें महिला ने बच्ची की पहचान कर ली. फुटेज पर गौर करने पर पता चला कि बच्ची को लेकर जो शख्स नजर आ रहा है वह राप्तीसागर एक्सप्रेस पर चढ़ा है. इसके तुरंत बाद फैसला लिया गया कि ट्रेन को भोपाल तक बिना रुके चलाया जाए ताकि अपराधी को पकडा जा सके.
इस निर्णय के बाद इसकी जानकारी भोपाल आरपीएफ को दी गई. ट्रेन जब भोपाल पहुंचने ही वाली थी तो प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया. प्लेटफार्म के दोनों तरफ जवान नजर आ रहे थे. जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी सभी जवान एक साथ ट्रेन के कोच के प्रवेश कर गये. ट्रेन की तलाशी शुरू हुई. कोच नंबर S2 में बताए गए हुलिए वाला एक शख्स नजर आया जिसने एक बच्ची को अपने साथ बैठा रखा था. इसके बाद आरपीएफ ने उस शख्स और बच्ची को ट्रेन से नीचे उतारा और जीआरपी को सौंप दिया. जब सच सामने आया तो सब चौंक गये. दरउअसल पकड़े गए शख्स ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के ललितपुर में रहता है और बच्ची उसकी अपनी बेटी है. आगे की जांच की गई तो पता चला कि पत्नी से अनबन के चलते अपनी बेटी को लेकर ट्रेन में बैठ गया था. बाद में पति-पत्नी के बीच ललितपुर पहुंचने पर सुलह हुई.