रायपुर। आज नागपंचमी है। श्रावण शुक्ल, पंचमी तिथि, नाग पंचमी के अवसर पर की जाने वाली पूजा से राहु केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। नाग देवता की पूजा के साथ ही भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नागपंचमी के दिन भगवान शंकर का दुग्ध अभिषेक करने से ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कालसर्प योग की शांति हो जाती है।
*श्री विद्या वैदिक ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष, ज्योतिषाचार्य पंडित वासुदेव त्रिपाठी ने बताया कि भगवान शंकर बड़े कृपालु हैं , मात्र जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं उनकी उपासना करने से साधकों को निश्चित लाभ होता है। जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प योग बनता है , उन्हें जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, कार्यों में बाधाएं आती हैं,जीवन कष्टमय प्रतीत होता है, उसकी निवृत्ति के लिए भगवान शिव शंकर व नाग देव की पूजा की जाती है। जिससे कालसर्पयोग की शांति होती है। तथा शुभ फल की प्राप्ति होती है।
क्या है कालसर्प योग ?
कालसर्प योग पितृ दोष का एक भेद है यह कालसर्प योग ज्योतिष की दृष्टि से अनेक प्रकार का होता है इसमें 24 प्रकार का कालसर्प योग उदित व अनुदित होता हैं । उन 24 प्रकार में 12 प्रकार का कालसर्प योग का दुष्प्रभाव मानव जीवन पर होता है। सभी प्रकार के कालसर्प योग की शांति हेतु नाग देव का पूजन एवं भगवान शंकर के दुग्ध अभिषेक का विधान है। जिससे दोष की शांति होती है ।
ज्योतिषाचार्य श्री वासुदेव त्रिपाठी ने यह भी बताया कि , साल में व्यक्ति को एक ही बार ऐसा अवसर प्राप्त होता है कि , नाग पंचमी पर भगवान शिव की पूजा व नाग देवता की पूजा कर कालसर्प योग दोष की शांति कर जीवन में आने वाली कई बाधाओ से मुक्ति पाने का । अगर जातक नागपंचमी पर नागपूजन व रुद्राभिषेक करता है तो नागदेव प्रसन्न हो जाते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं ।
मान्यता है कि, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न हो मनोकामनाएं जरूर पूरी करते है। इस साल की नाग पंचमी विशेष शुभ योग में मनाई जाएगी। लगभग 108 वर्षों के बाद नाग पंचमी पर दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। नाग पंचमी के दिन शुभ योग बनने से जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है उनके लिए यह पर्व बहुत ही शुभ रहेगा। 13 अगस्त को नाग पंचमी उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र के संयोग में महादेव घाट शिव मंदिर प्रांगण में कालसर्पयोग शांति हेतु पूजन किया जा रहा है, भक्तगण पूजा में सम्मिलित हो , भगवान शिव व नागदेव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं ।