Report By - एन.एस. ठाकुर
रायपुर। छात्र संगठन AIDSO ने राज्य में आत्मानंद स्कूल खोलने के नाम पर सरकारी स्कूलों को निजी समितियों को देने के खिलाफ व विनाशकारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रदद् करने मांग पर प्रदर्शन व रैली कर ज्ञापन सौंपा।
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले गए । जिसमे जोरो शोरो से पालकों ने अपने बच्चों का भर्ती भी कराया थे। आज यानी कि 12 जुलाई को बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में अलग अलग जिले से आए छात्र संगठन ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल की योजना का हम स्वागत भी करते हैं। परंतु पुराने स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खुलने से हिंदी माध्यम स्कूल बंद हो रहे हैं इसका विरोध करते है।उनकी मांग कुछ इस प्रकार। राज्य में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल चलाये जाने के नाम पर पूर्व से स्थापित हिंदी माध्यम विद्यालयों को बंद करने की नीति तुरन्त वापस ली जाए, तथा पृथक रूप से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी व हिंदी माध्यम विद्यालयों को संचालन किया जाये।आत्मानंद विद्यालयों का पूर्ण संचालन व नियमन सरकार द्वारा किया जाये न कि किसी निजी पंजीकृत समिति को दिया जाये। साथ ही स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में सभी छात्रों का प्रवेश सुनिश्चित करते हुए कक्षाएँ सेक्शन में चलाते हुए इसके लिए अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाये । स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में सभी स्टाफ की स्थायी नियुक्ति की जाए । उनका कहना है कि विनाशकारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 रद्द की जाए। राज्य भर से 7158 हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन तहसीलदार बिपिन पटेल को मुख्य मंत्री व राज्यपाल के नाम सौंपा गया। इस प्रदर्शन में छात्र संगठन ए आई डी एस ओ के राज्य उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ राज्य सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की आड़ में सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने की नीति लागू कर रही है जो शिक्षा व छात्र विरोधी नीति है। दरअसल इस नीति के तहत सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन पंजीकृत निजी समितियों को सौंप देगी और ये समितियां धीरे धीरे फीस वसूली करेंगी व अन्य निजी स्कूलों की तरह शिक्षा महंगी कर दी जाएगी जिससे हजारों गरीब छात्र शिक्षा लेने से वंचित रह जायेंगे । इस तरह राज्य सरकार की यह नीति केंद्र की नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य को ही पूरा करती है। सरकार पहले से राज्य में व्याप्त शिक्षा समस्याओं को ठीक करने के बजाय उल्टे बचीखुची शिक्षा को भी बर्बाद कर रही है । राज्यभर में आज भी चार हजार से ज्यादा स्कूल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है सीट संख्या में भारी कमी के चलते हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित होना पड़ता है। आगे उन्होंने इन समस्याओं के खिलाफ राज्य भर में एकमात्र क्रांतिकारी छात्र संगठन ए आई डी एस ओ ही लड़ रहा है बताए। स्वामी आत्मानंद स्कूल के नाम पर स्कूलों के निजीकरण के खिलाफ संगठन के द्वारा लगातार हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमें करीब 7158 हस्ताक्षर कराये गये। आगे संगठन के अखिल भारतीय महासचिव सौरभ घोष ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को खत्म कर डालेगी इंसान बनेने व चरित्र निर्माण के रास्ते में रुकावट पैदा करेगी। आम छात्रों के हाथ से शिक्षा पाने का अवसर खत्म कर देगी ऐसी स्थिति मे जरूरत है। नारे बाजी करते हुए ज्ञापन सौंपा।