Report By - CT NEWS
रायपुर। राजधानी रायपुर बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर बैठे छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण कर्मचारी महासंघ द्वारा त्रिदिवसीय धरना दे रहें। अधिकारियो कर्मचारियों को विगत 09 माह से वेतन नही मिला। जिससे उनकी भविष्य निधी एवं वेतन वृध्दि सहित सामाजिक अंकेक्षण इकाई में कार्य किए। 1 साल से लंबित पारिश्रमिक भुगतान जल्द दिलाने हेतु, छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण कर्मचारी महासंघ द्वारा दिनांक 16.08.2022 से 18.08.2022 तक तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे है। संगठन सचिव सुरेंद्र ने बताया। कि वर्तमान में इकाई द्वारा महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के धारा 17 के तहत सामाजिक अंकेक्षण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें राज्य क महात्मा गाँधी नरेगा के कुल वार्षिक बजट का 0.5 प्रतिशत राशि सामाजिक अंकेक्षण के लिए निधि आवंटन का प्रावधान है। जो कि पूर्णतः केन्द्रांश है। महासंघ विषय के संबंध में अवगत होना चाहेंगे। छत्तीसगळ सामाजिक अंकेक्षण इकाई को वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोई भी आवंटन भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय से प्राप्त नहीं हुआ है किन्तु इसके उपरांत भी इकाई के द्वारा उक्त वर्ष में 8048 ग्राम पंचायतों का समाजिक अंकेक्षण कार्य किया गया है। जिसके लिए लगभग 33 हजार ग्रामीण स्त्रोत व्यक्तियो (मनरेगा मजदुर परिवार के सदस्य / स्वयं सहायता समुह की महिला) को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अतः लगभग कुल राशि 823 लाख रू भुगतान हेतु शेष है। 9 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। तथा जीवन निर्वहन करने में कठिनाई या आ रही है। कर्मचारियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। भारत सरकार के महत्वपुर्ण योजना राष्ट्रीय आजीविका निशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के महिलाओ का सामाजिक अंकेक्षण कार्य में जोड़ा गया था। परंतु उन्हें मानदेय भुगतान नहीं मिलने के कारण उन मे आकोश है एवं उनके द्वारा बार-बार राज्य कार्यालय के सामने मे धरना प्रदर्शन करने की धमकी दिया जा रहा है। जिससे भविष्य में कार्यालय को प्रतिकुल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।