अफसरों के अनुसार, बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो पैड नहीं खरीद पाती। मजबूरी में वह कपड़े का उपयोग करती हैं, इससे संक्रमण और अनेको बीमारियों का खतरा बढ़ता रहता है। नगर निगम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिल्ली की प्रतिष्ठित संस्था ई केयर की ओर से सेनेटरी पैड बनाने का प्रशिक्षण देगा, इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली स्व सहायता महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 5 प्रोजेक्ट मैनेजर का चैनल होगा। यह करीब 150 मास्टर टेलर तैयार करेंगे मास्टर ट्रेनर द्वारा 200 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा इसमें महिलाओं को निजी स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़कर स्वयं आत्मनिर्भर बना सकती है।
बता दें की एक कीट में तीन सेनेटरी पैड रहेगा जो 2 वर्ष तक उपयोग में आएगा। एक बार उपयोग करने के बाद इसे डिटर्जेंट पाउडर में आधे घंटे में भिगोना पड़ेगा फिर पानी से धोकर आधे घंटे के लिए धूप में सुखाना होगा पंखे के नीचे कम से कम 5 घंटे सुखाना होगा। इसमें ब्रश या स्क्रब का प्रयोग नहीं करना है। सूखने के बाद इसमें एक दो बूंद नींबू का रस या फिर डेटॉल डाल सकते हैं यह फिर उपयोग में आ जाएगा।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 15 से 24 वर्ष की 68.6 प्रतिशत लड़कियां अभी भी पुराने कपड़ों का उपयोग करती है विशेषज्ञों की मानें तो ग्रामीण और शहरी इलाकों में महिलाएं आर्थिक तंगी के कारण शॉर्टकट का इस्तेमाल कर रही हैं इसके पीछे जागरूकता की कमी और वित्तीय बाधाएं प्रमुख कारण है। डॉ तृप्ति पाणिग्रही, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की संस्था के साथ स्मार्टसिटी महिलाओं को सेनेटरी पैड बनाने की ट्रेनिंग देगा। यह ऐसा पेड है जिसका उपयोग 2 साल तक किया जा सकता है। संस्था 61 लाख रुपए का पैड निशुल्क बांटने का काम करेगी