रायपुर - छत्तीसगढ़ में मध्य प्रदेश से बाघों को लाया जाएगा जिन्हें अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा और बारनवापारा अभ्यारणफिर बाघों का रहवास बनेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में जीव बोर्ड की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई है।इस मौके पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक संगीता सिन्हा और डा. लक्ष्मी ध्रुव बैठक में उपस्थित थीं।
सरकार के लिए चिंता का विषय है कि छत्तीसगढ़ बाघों की संख्या 46 से 19 हो गई है इसीलिए मध्य प्रदेश से 4 मादा 3 नर बाघ लाने की तैयारी चल रही है।
प्रदेश में बाघों की संख्या 4 गुना करने क लिए ग्लोबल टाइगर फोरम द्वारा प्रस्ताव दिया गया था। जिसको बैठक में अनुमति मिल गई है।अधिकारियों ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणियों के लिए जल स्त्रोतों, चारागाह को विकसित किया गया है, जिससे शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या में वृद्धि हो सके।
वन क्षेत्रों के गांवों को मिलेगी ये सुविधा
बैठक में वन क्षेत्रों में बेहतर संचार की सुविधा के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और मोबाइल टॉवर लगाने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई. इससे जहां वन प्राणी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी. वहीं वन क्षेत्रों के गांवों में पीडीएस सिस्टम, धान खरीदी, वृद्धावस्था पेंशन, बैंकिंग और ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी होगी. बैठक में वनभैंसों में कृत्रिम गर्भाधान करने की अनुमति भी प्रदान की गई.
इस प्रस्ताव के अनुसार वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और LACONES, CCMB हैदराबाद के विशेषज्ञों और वन विभाग में पदस्थ पशु चिकित्सकों के देख-रेख में वीर्य निकालने का कार्य किया जाएगा तथा इसका उपयोग मादा वनभैंसों के कृत्रिम गर्भाधान हेतु किया जाएगा.