window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-YRJD2FN4QJ'); मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में किसानों से मिलना उचित नहीं समझा - अनिल दुबे

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में किसानों से मिलना उचित नहीं समझा - अनिल दुबे



संवाददाता - सुनील सोनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध धरोहर सिरपुर आदिवासी क्षेत्र के साथ बड़े झाड़ का जंगल अभ्यारण्य के रूप में पहचाना जाता है। वर्तमान भूपेश सरकार भ्रष्टाचार में डूबी, नौकरशाहों के शिकंजे में है। जिसके चलते संविधान नियमों को आर्थिक लाभ लेकर बेचा जा रहा है। जिसका विरोध क्षेत्र के आदिवासी किसान, पिछड़े किसान, महिला किसान संगठित होकर अपने क्षेत्र को बचाने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है। जिसको लेकर छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे ने प्रेस वार्ता में बताया की। भूपेश बघेल का भेंट मुलाकात विधानसभा वार जो चल रहा है वह दिखावा है और झूठा है। सरकारी अधिकारी द्वारा बताये गये चन्द लोगों से प्रश्न कर मुख्यमंत्री खुश होते हैं। सिरपुर परिक्षेत्र में किसान भेंट मुलाकात कर जब हजारों किसानों ने मिलने के लिए कूच किया तो उन्हें रास्ते में रोककर सैकड़ों किसानों को सराईपाली, पिथौरा, सांकरा, पटेवा क्षेत्र में पुलिस बल के माध्यम से रोका गया। पर किसानों का मनोबल और सत्याग्रह का दंभ भूपेश बघेल को किसानों को बुलाकर मिलना पड़ा। और किसानों ने 702 पेज का प्रमाणित ज्ञापन प्रस्तुत किया। जिसमें जिलाधीश महासमुंद करणीकृपा प्रा.लि. के नौकर की तरह काम कर रहे हैं। जनता और किसान से मिलना पसंद नहीं करते सारे भ्रष्ट अधिकारी है। जो स्पष्ट रूप से कहते हैं। छत्तीसगढ़ में पुलिस अधीक्षक, जिलाधीश, जिला में पदस्थ होने के लिए पेमेंट सीट है। हम पेमेंट सीट में आये हैं। मोबाईल रिचार्ज की तरह भुगतान कांग्रेस सरकार को देना पड़ता है। भूपेश सरकार हमें तभी रखेंगे जब हमारा भुगतान जारी रहेगा। हमको क्या करना है किसान से और जनता से और संविधान से? मुख्यमंत्री ने किसानों के सामने जिलाधीश को 702 पेज का ज्ञापन प्राप्त कर किसानों से स्वयं मिलकर तत्काल समाधान करने की बात कही। 

यह बद्त्तर स्थिति छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वर्तमान सरकार ने ला दी है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सत्ता को राजनीतिक व्यापार का दर्जा दिला दिया है। जो भारत का प्रथम राज्य होगा। अनिल दुबे ने यह भी बताया की अन्य राज्य भी भ्रष्टाचार से ग्रसित है परन्तु छत्तीसगढ़ सर्वप्रथम दर्जा प्राप्त करता है। किसानों के सत्याग्रह ने भारत के प्रधानमंत्री जो तीन काला कानून लाकर दंभ भरते थे कि कानून किसानों के हित में है। किसानों ने सड़क में आकर 378 दिन आंदोलन कर प्रधानमंत्री को सत्य कहने पर मजबूर कर दिया था और प्रधानमंत्री ने तीनों काला कानून वापस लिया । उसी तर्ज पर आज 335 दिन से कौंवाझर हाईवे में चले आ रहे सत्याग्रह ने अपना राष्ट्रीय स्थान बनाया है।

आज किसान माननीय उच्च न्यायालय जाकर आदिवासी भूमि, शासकीय भूमि,. बड़े झाड़ के जंगल की भूमि, किसानों की काबिज भूमि करणी कृपा उद्योग एवं उद्योग में वर्षों से फंसी आदिवासी भूमि को वापस दिलाने की मुहिम पर याचिका लगा रहे हैं और निश्चित तौर पर संविधान की जीत होगी और छत्तीसगढ़ के किसानों को न्याय मिलेगा। चुने हुई जनप्रतिनिधि, भूपेश बघेल, विनोद चंद्राकर, ये चंद टुकड़ों पर बिके हुए कांग्रेस के एजेन्ट साबित हुए हैं। इसका जवाब हम कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से लेंगे।