REPORTER - SUNIL SONI
रायपुर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ियावाद का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री बघेल को छत्तीसगढ़ में कोई ऐसा योग्य व्यक्ति नहीं मिला जिसको वह राज्यसभा भेज सकें। इसलिए 3 बाहरी लोगों को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा गया। जो चुनाव जीतने के बाद अपना प्रमाण पत्र लेने के लिए भी छत्तीसगढ़ नहीं आए। तीनों सांसद 10 जनपद में 'भू-पे' के आधार पर राज्यसभा पहुँचे हैं। रंजीता रंजन को छोड़ शेष दोनों राज्यसभा सांसदों का चेहरा छत्तीसगढ़ की जनता ने नहीं देखा है। "मुख्यमंत्री बघेल का यह कैसा छत्तीसगढ़ियावाद है? सुंदरानी ने मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस को चुनौती दी कि यदि उनमें राजनीतिक साहस है तो शेष 7 विधानसभा क्षेत्रों में से किन्हीं भी तीन क्षेत्रों में इन राज्यसभा सांसदों को चुनाव लड़ा लें। जनता खुद तय कर लेगी कि उन्हें 'भू-पे' वाले नेता चाहिए या जनता की सेवा करने वाले नेता।
यदि कांग्रेस और मुख्यमंत्री यह नहीं कर पाएँ तो कम-से-कम उन तीनों राज्यसभा सांसदों से प्रदेश में चुनाव प्रचार ही करा लें। और अगर ये भी नहीं करा सकते तो प्रदेश में किसी भी भाजपा कार्यकर्ता के साथ इन तीनों सांसदों की खुली बहस करा लें। मुख्यमंत्री बघेल को अपने छत्तीसगढ़ियावाद के पाखंड की असलियत पता चल जाएगी।
सुंदरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा जीतने योग्य अपने सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने का फैसला किया है तो इससे अपने सांसद दीपक बैज को चुनाव लड़ाने वाले मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के लोगों के पेट में मरोड़ क्यों उठ रहा है?