भगवान शिव अमलेश्वर की धरा में हमें माध्यम बनाकर भक्तों पर होने जा रहे मेहरबान,
शिव भक्ति की गंगा में डुबकी लगाने का गोल्डन चांस।
रायपुर/ भगवान शिव और पूर्वजों के पुण्य प्रताप से आज हटकेश्वर शिव महापुराण का आयोजन होने जा रहा है। अमलेश्वर की पावन धरा धन्य होने जा रही है। हम सबको शिव की भक्ति में डूबने का यह अवसर मिलने जा रहा है। खुद को धन्य करने के साथ-साथ आस पास के लोगों को शिवमय होने का गोल्डन चांस मिल रहा है। इसके लिए हम मानते हैं। हमारे पूर्वज ऊपर से हम पर आशीर्वाद बरसा रहे होंगे। ये बातें आज मीडिया से चर्चा करते हुये शिवमहापुराण के आयोजक पवन खण्डेलवाल ने कही।
वहीं विशाल खण्डेलवाल ने मीडिया से चर्चा करते हुये कहा आज अमलेश्वर का जर्रा-जर्रा भगवान शिव का गुणगान कर रहा है। हमें सौभाग्य मिला है इस कार्यक्रम का आयोजक बनने का। मैं ऐसा मानता हूं भगवान शिव अमलेश्वर की धरा में हमें माध्यम बनाकर भक्तों पर मेहरबान होना चाहते हैं। अन्यथा संभव नहीं था।
राजधानी रायपुर से लगे पवित्र भूमि अमलेश्वर में 27 मई से 2 जून तक हटकेश्वर शिवमहापुराण का आगाज होने जा रहा है। इसके आचार्य अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी होंगे। शिवमहापुराण को लेकर आसपास के लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। और हजारों की संख्या में लोग आयोजन को सफल बनाने बढ़चढ़कर भाग ले रहे हैं।
अमलेश्वर कथा स्थल में आज आयोजकों ने कार्य विभाजन को लेकर बैठक बुलाई। जिसमें हजारों की संख्या में दूर-दूर से लोग पहुंचे। और स्वत: ही आयोजकों से जिम्मेदारी मंगते हुये दिखे रहे। आयोजकों का मानना है कि प्रदेश में अब तक जीतना भी आयोजन हुआ है। उन सबसे अधिक शिवभक्त अमलेश्वर की इस धरा में पहुंचने वाले हैं। जगह भी अधिक है। अधिक लोगों के पहुंचाने की संभावना को देखते हुये तैयारी भी वृहद रूप से की जा रही है। शिवभक्तों को लिए दिनभर भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
आयोजकों से स्वत: लोग फ्री टी-स्टाल, पानी स्टाल सहित अन्य स्टाल लगाने की बात करते दिख जा रहे हैं। ऐसी शिवभक्ति शायद आप लोगों ने भी कहीं नहीं देखी होगी। अमलेश्वर ही नहीं दुर्ग-रायपुर की हवा भी भगवान शिव की भक्ति में लीन होता जा रहा है। आयोजन को लेकर आयोजक 24 घण्टे तैयारी में लगे हैं।
आज के आयोजित बैठक में पुरुषों से अधिक संख्या में महिलाएं पहुची दिखी। आयोजन को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। और बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। बताया जा रहा है अब तक डेढ़ हजार से अधिक महिला कार्यकर्ता बन चुकी हैं। जो इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली हैं।